जिलाधिकारी ने की ज़िला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक

Kamta Prasad Chaurasiya
0




  कौशाम्बी। 

जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा सम्राट उदयन सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक की गई। 

             ज्ञात हो कि बैठक में जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना, चिकित्सकों एवं सीएचओ की उपलब्धता, आशा कार्यक्रम/आशा भुगतान, जननी सुरक्षा, परिवार कल्याण कार्यक्रम, जननी शिशु सुरक्षा, विटामिन बर्थ डोज मंत्रा पोर्टल, मातृ मृत्यु समीक्षा, टीकाकरण कार्यक्रम, एएनसी चेकप एवं आभा आईडी योजना सहित आदि अन्य योजनाओं की बिन्दुवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी, एएनएम एवं आरबीएसके की टीम गांव में भ्रमण कर गर्भवती महिलाआें (एचआरपी) के बारे जानकारी प्राप्त करें, कि उनका नियमित टीकाकरण/चेकप हो रहा है या नहीं एवं गर्भवती महिलाओं को यह भी जानकारी होनी चाहिए कि सेन्टर में उनकी कौन-कौन सी जॉच होनी हैं। उन्हांने कहा कि आप लोगों के निरीक्षण/अथक प्रयासों से जनपद की आशाओं में काफी सुधार एवं व्यवहार परिवर्तन हुआ है। जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार आया है। इसी प्रकार हमें आगे भी निरीक्षण के दौरान शेष सघर्षशील/मध्यम आशाओं को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षित करते हुए जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को शिशुओं की देखभाल कैसे करनी है, आशायें घर-घर जाकर इसके बारे में जागरूक करें, जिससे शिशु मृत्युदर को कम किया जा सकेंगा। उन्होंने कहा कि जो आशा वर्कर अच्छा कार्य कर रहीं हैं, उन्हें प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाय, जिससे अन्य आशायें भी प्रेरित होकर अच्छा कार्य करें। उन्होंने कहा कि एमओवाईसी द्वारा निरीक्षण कर लगातार चेक किया जाय, जो भी सीएचओ बिना जानकारी दिये अपनी तैनाती स्थल से गायब रहते है, उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाय। उन्हांने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गर्भवती महिलाआें की डिलेवरी यथासम्भव सरकारी अस्पताल में सुरक्षित प्रसव करवायें। उन्होंने जनपद की डिलेवरी रिपोर्टिंग सही तरीके से न किये जाने एवं इनके ऑकड़ों में गड़बड़ी पाये जाने पर सभी स्वास्थ्य शिक्षाधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दियें। 

             जिलाधिकारी जनपद में ब्लॉकवार आशा एच0बी0एन0सी0 एवं एच0बी0वाई0सी0 किट की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि किट की उपलब्धता 100 प्रतिशत होनी चाहिए। इसके साथ ही जनपद में टीकाकरण 100 प्रतिशत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी बच्चें टीकाकरण से वंचित रह गये है, उन सभी की सूची एडिशनल सीएमओ, एमओवाईसी एवं स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी के पास होनी चाहिए, जिससे छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण कराया जा सकें। जनपद में जहॉ भी गर्भवती महिलाओं की मृत्यु हुई है, वहॉ पर स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी, सीएचओ एवं आर0बी0एस0के0 की टीम पहॅुचकर वहॉ पता लगायेंगी कि क्या कमी रह गई थी, जिससे यह घटना घटित हुई, साथ ही जागरूकता भी फैलायें। उन्होंने सभी सी0एच0ओ0 को बी0एच0एन0डी0 सत्र के दिन बाल कल्याण समिति के साथ बैठक करने के निर्देश दियें। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में हुए प्रसव सम्बन्धी ऑकड़ों की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि प्रसूता को निर्धारित समयावधि 48 घण्टें तक अस्पताल में रोका जाय। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकत्रियों द्वारा गर्भवती महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रसव सरकारी अस्पताल में कराने के लिए जागरूक किया जाय। उन्होंने आर0बी0एस0के0 टीम को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में भ्रमण कर लक्ष्य के सापेक्ष किशोरियों की जॉच एवं सैम/मैम बच्चों का वजन आदि सहित अन्य कार्यों को करेंगे। साथ ही निरीक्षण के दौरान आशा बहुॅओं एवं ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों से वजन व लम्बाई की जॉच अपने सामने करायें अगर वे सही ढंग से जॉच नहीं कर पा रही है तो उसे सिखायें। 

            बैठक में जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने एएनसी रजिस्ट्रेशन की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को गर्भवती महिलाओं की एएनसी चेकअप पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दियें। उन्होंने नियमित टीकाकरण की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि आशा एवं एएनएम के साथ नियमित रूप से बैठक कर टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की जाय तथा आशा एवं एएनएम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाय कि वे अपने बच्चों को टीका अवश्य लगवायें। जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम, पुनरीक्षित क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग कार्यक्रम आदि की भी विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जब भी आप लोग फील्ड भ्रमण मेंं जाये, तो आयुष्मान कार्ड धारक लाभार्थियों को कार्ड की उपयोगिता के बारे में अवश्य जागरूक करें, क्योंकि बहुत से लाभार्थियों को कार्ड के उपयोग के बारे में जानकारी नहीं है।  

इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 संजय कुमार एवं प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ0 हरिओम सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।  


रिपोर्ट : कामता प्रसाद चौरसिया, शिवम चौरसिया 

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top