किसान भाई पराली न जलाये नहीं तो देना पड़ेगा जुर्माना

Kamta Prasad Chaurasiya
0


 कौशाम्बी। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, नई दिल्ली के आदेशानुसार पर्यावरण एवं कृषि विभाग द्वारा कृषि अपशिष्ट को जलाया जाना निषिद्ध किया गया है। जनपद के कृषकों द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन यथा-पराली/पुवाल/पैरा/ठूठ/गन्ना की पत्तियों एवं केले का तना इत्यादि फसल अपशिष्ट जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे धुआं से वातावरण में पहले से विद्यमान विभिन्न गैसों के साथ कोलाइड बनने से वायु अत्यन्त ही प्रदूषित व जहरीली हो जाती है। पराली जलाने से पर्यावरण ही प्रदूषित नहीं होता है, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

              ज्ञात हो कि यह जानकारी उप निदेशक, कृषि सतेन्द्र कुंमार ने देते हुए बताया कि बिना एस0एम0एस0 लगे कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन से धान की कटाई करने वालें वाहन स्वामियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए राजस्व विभाग, पुलिस विभाग व कृषि विभाग सक्रिय है। किसान मौका खोजते हुए रात्रि या सुबह पराली जलाने का प्रयास करते हैं। प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेण्ट क्राप रेज्ड्यू योजनान्तर्गत प्राप्त कृषि यंत्रों से पराली प्रबन्धन करें। रबी फसलों की बुवाई के मद्देनजर किसान भाई धान की कटाई व मड़ाई शीघ्रता से निपटाने के लिए पराली खेतों में जलाया जा रहा है, ऐसे में यह जरूर देखें कि खेतों में किसान पराली न जलाने पायें। पराली प्रबन्धन के लिए गौशाला संचालकां को एक ट्राली पराली दें, बदलें में गोबर की खाद प्राप्त करें। कृषकों को अनुदान पर दिये गये कस्टम हायरिंग सेन्टर, फार्म मशीनरी बैंक के यंत्रों से 10 व 20 प्रतिशत स्थानीय दर से कम दर पर पराली प्रबन्धन का कार्य करायें। कृषकों के पराली जलाये जाने पर चिन्हित किसानों पर अर्थदंड लगाया जायेगा, राजस्व संग्रह से वसूली कराई जायेगी, किसान सम्मान निधि योजना से वंचित किया जायेंगा। पराली जलाये जाने वालों पर भूमि के आधार पर 02 एकड़ से कम भूमि पर रू0-2500, 02 एकड़ से 05 एकड़ भूमि पर रू0-5000 एवं 05 एकड़ से ऊपर भूमि पर 15 हजार रुपए जुर्माना वसूला जायेंगा।


रिपोर्ट :कामता प्रसाद चौरसिया कौशाम्बी टुडे न्यूज़

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top