कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने एएनसी रजिस्ट्रेशन की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को गर्भवती महिलाओं की एएनसी चेकअप पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दियें। उन्होंने नियमित टीकाकरण की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि आशा एवं एएनएम के साथ नियमित रूप से बैठक कर टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की जाय तथा आशा एवं एएनएम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाय कि वे अपने बच्चों का टीका अवश्य लगवायें। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि टीम के साथ गॉव-गॉव भ्रमण कर टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण अवश्य करवायें। इसके साथ ही उस गॉव की ऑगनबाड़ी कार्यकत्री एवं आशा से जरूर मिलें। जिलाधिकारी ने एचबीएनसी/एचबीवाईसी किट की उपलब्धता के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि किट की उपलब्धता 100 प्रतिशत होनी चाहिए, यदि जॉच के दौरान कहीं भी किटों की कमी पायी जाती है तो सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेंगी। उन्होंने सभी नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि सप्ताह में 03 दिन अपने-अपने ब्लॉक में अवश्व बैंठे। एमओवाईसी रोस्टर बनाकर गॉव में जाकर आशाओं, से मिलें एवं रोस्टर की कॉपी उपलब्ध करायें।
जिलाधिकारी ने कार्यों में लापरवाही बरतने एवं अपने तैनाती सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लगातार न पहुॅचने तथा स्वास्थ्य सेवाओं में रूचि न लेने एवं जनपद में रात्रि निवास न करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने के साथ ही आवासीय भत्ता रोकने के निर्देश दियें। विकास खण्ड कड़ा में गर्भवती महिलाओं का मंत्रा पोर्टल पर आधार प्रमाणीकरण की फीडिंग कम पाये जाने पर जिलाधिकारी ने बीपीएम कड़ा पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्य प्रणाली में सुधार लाने को कहा। उन्होंने सीएचओ की आईडी सक्रिय न पाये जाने पर बीसीपीएम सिराथू, डीसीपीएम कौशाम्बी का वेतन अवरूद्ध करने एवं इसके नोडल डिप्टी सीएमओ का एक दिन का वेतन रोकने के भी निर्देश दियें।
जिलाधिकारी ने कहा कि डॉ0 भगवान का रूप होता है, किसी भी हॉल में मातृ मृत्यु न होने पाये, इसका अथक प्रयास ईमानदारी के साथ करना चाहिए। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रसूता को निर्धारित समयावधि 48 घण्टें तक अस्पताल में रोका जाय तथा लाभार्थियों को दी जाने वाली भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय। इसके साथ ही जननी सुरक्षा योजना की लाभार्थियों को किये जाने वाले भुगतान की डीपीएम द्वारा सही जानकारी न दिये जाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए शो-काज नोटिस जारी करने के निर्देश दियें।
जिलाधिकारी ने आभा आईडी की समीक्षा के दौरान जनरेशन में धीमी प्रगति पाये जाने पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त करते हुए माह-नवम्बर तक आभा आईडी के जनरेशन की प्रगति बढ़ाये जाने के निर्देश दियें। स्वास्थ्य सेवाआें की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना के व्यवस्थित संचालन, कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकत्रियों जैसे-आशा एवं एएनएम की कार्य प्रणाली, संस्थागत प्रसव आदि से सम्बन्धित चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित जितनी भी सेवाओं/योजनाओं का सम्बन्ध कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकत्रियों से हैं, उसकी समीक्षा अनिवार्य रूप से मुख्य चिकित्साधिकारी एवं सम्बन्धित चिकित्साधिकारीगण एक-एक आशा/एएनएम के सापेक्ष सुनिश्चित करें। उन्हांने कहा कि संघर्षशील आशा को चिन्हित कर उन्हें ट्रेनिंग देकर निपुण बनाने का कार्य करें।
जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम, पुनरीक्षित क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग कार्यक्रम आदि की भी विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दियें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 संजय कुमार एवं सीएमएस सुनील कुमार शुक्ला सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।
रिपोर्ट :कामता प्रसाद चौरसिया कौशाम्बी टुडे न्यूज़